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26 नवंबर को मनाया जाता है “एंटी ओबेसिटी डे”,इस बीमारी से होती हैं गंभीर बीमारियां

हर साल 26 नवंबर को एंटी ओबेसिटी डे मनाया जाता है। ओबेसिटी को सामान्यतौर पर हम मोटापे के नाम से जानते हैं। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को मोटापे और इससे होने वाली शारीरिक बीमारियों के बारे में जागरूक करना है। कई लोग ऐसी अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपनाते हैं जिसकी वजह से कम उम्र में ही तेजी से मोटापा बढ़ने लगता है और बढ़ते वजन से डायबिटीज और कैंसर तक गंभीर बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। अगर समय रहते मोटापे को कंट्रोल नहीं किया गया तो इससे बड़ी परेशानी हो सकती है।

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obesity diabetes risk, लंबे समय तक मोटापा रहे तो Type 2 Diabetes का बढ़ जाता है खतरा - longer and early exposure to obesity increases the risk of type 2 diabetes - Navbharat Times

क्लीवलैंड क्लीनिक की खबर के अनुसार मोटापा एक बेहद जटिल और पुरानी बीमारी है जिससे हम अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करके बच सकते हैं. मोटापा सामान्यतौर पर शरीर में अधिक वसा के जमने की वजह से बढ़ता है लेकिन कई बार यह खराब स्वास्थ्य की वजह से भी हो सकता है। मोटापा बढ़ने से कई तरह की गंभीर बीमारियों का भी खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

Metabolism क्या होता है? - Quora

मेटाबॉलिक में परिवर्तन

मेटाबॉलिज्म हमारे शरीर के कार्यों को करने के लिए कैलोरी को ऊर्जा में परिवर्तन करने की प्रक्रिया है। शरीर में वसा अधिक होने से मोटापा बढ़ता है और इससे मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया तेजी से प्रभावी होती है। मेटाबोलिक सिंड्रोम मोटापे का एक सामान्य कारक है और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं।

डायबिटीज: मोटापा होने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा सबसे ज्यादा होता है। मोटापा टाइप 2 डायबिटीज को लगभग सात गुना बढ़ा देता है। एक्सपर्ट की मानें तो वजन कम करके, संतुलित और पौष्टिक डाइट प्लान तैयार करके इस खतरे से बचा जा सकता है।

हृदय रोग भगाना है तो पौष्टिक आहार लें व तनावमुक्त रहें - If you have to break heart disease and eat nutritious food and stay relaxed

हृदय रोग: बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड शुगर, और शरीर में सूजन ये सभी हृदय रोग को बढ़ाने के सबसे बड़े कारक के रूप में जाने जाते हैं। इसमें कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक, हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है। बीएमआई बढ़ने के साथ साथ ये सभी जोखिम और तेजी से बढ़ जाते हैं।

फैटी लिवर डिजीज: अधिक वसा होने से यह धीरे धीरे यकृत में जमा होने लगती है. लिवर में जब ज्यादा वसा जमा हो जाती है तो इससे लिवर में सूजन आ जाती है और यदि समय पर इलाज न कराया गया तो इससे हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है।

पित्त की पथरी: हाई कोलेस्ट्रॉल से पित्ताशय की थैली में पथरी होने की संभावना कई गना बढ़ जाती है। भारत में करीब 10-20 प्रतिशत लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। जब पित्ताशय में मौजूद पित्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल एंजाइम नहीं घुल पाता तब यह धीरे धीरे जमा होने लगता है और यह एक ठोस आकार ले लेता है।

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कैंसर: मोटापे की वजह से कई तरह के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है. मोटापा गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, अंडाशय, स्तन कैंसर, पित्ताशय की थैली का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को बढ़ा देता है.

मोटापे से शरीर में डायरेक्ट इफेक्ट

अस्थमा
ओबेसिटी हाइपोवेंटिलेशन सिंड्रोम
ऑस्टियोआर्थराइटिस
बैक पेन
गाउट की समस्या
डिप्रेशन

ओबेसिटी के इन डायरेक्ट इफेक्ट्स

मोटापे अप्रत्यक्ष तरीक से भी शरीर को प्रभावित करता है। इससे होने वाली कुछ इनडायरेक्ट बीमारियां निम्नलिखित हैं।मेमोरी की दिक्कत
अल्जाइमर रोग
डिमेंशिया डिजीज
फिमेल इनफर्टिलिटी
पैनक्रियाटिक कैंसर
ब्रेस्ट कैंसर

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