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शाहरुख खान की फिल्म जवान ने दिखाई डॉ. कफील खान की कहानी? ऑक्सीजन कांड को याद कर भावुक हुए लोग

शाहरुख खान की फिल्म जवान (Jawan) के रिलीज होने के बाद डॉ. कफील खान एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। माना जा रहा है कि जवान के जरिए शाहरुख खान ने कफील खान की भी कहानी कहने की कोशिश की है। लोगों को यह फिल्म देखकर कफील की याद आ गई है। फिल्म गोरखपुर के उस ऑक्सीजन कांड की याद आ दिलाती है जब ऑक्सीजन की कमी के कारण 63 बच्चों की मौत हुई थी। तब डॉ. कफील खान को गुनहगार बताया गया था और उन्हें सस्पेंड कर जेल भेजा गया था। फिल्म में दिखाया जाता है कि किस तरह से इस तरह की घटना होने पर हेल्थ मिनिस्टर खुद अपनी गलती मानते हैं और हेल्थ सिस्टम को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं।

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यह फिल्म देखने के बाद लोगों की संवेदना एक बार फिर डॉ. कफील के उमड़ी है। लोग उन्हें सलाम कर रहे हैं और उनके पक्ष में लिख रहे हैं। इस फिल्म ने खुद डॉ. कफील को भी भावुक किया है। लोगों की प्रतिक्रिया देखने के बाद खुद डॉ. कफील भी भावुक हुए और कहा कि  वह शाहरुख खान का आभार जताना चाहेंगे जिन्होंने इस मुद्दे पर फिल्म बनाई है.

कफील खान ने ट्वीट किया, ”मैंने जवान देखी तो नहीं पर लोग फोन और मेसेज कर कह रहे आपकी याद आई. फ़िल्मी दुनिया और असली ज़िंदगी में बहुत फ़र्क़ होता है. जवान में गुनहगार स्वास्थ मंत्री वैगैरह को सजा मिल जाती है. पर यहां तो मैं और 81 परिवार आज भी इंसाफ़ के लिए भटक रहे हैं. इस मुद्दे को उठाने के लिए शाहरुख कान और एटली सर का आभार.”

 

बता दें कि  बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10-11 अगस्त 2017 की रात ऑक्सीजन की कमी के कारण 63 बच्चों ने दम तोड़ दिया था, इस मामले में डॉक्टर कफील खान को सस्पेंड कर दिया गया. उन्हें 9 महीने जेल में काटने के बाद जमानत पर रिहा किया गया था. बीआरडी ऑक्सीजन कांड में डॉक्टर कफील खान, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरके मिश्रा, उनकी पत्नी डॉ. विजयलक्ष्मी मिश्रा समेत कुल 9 लोग जेल गए थे.

 

ऑक्सीजन सप्लाई के 68 लाख रुपए बकाया होने की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई रोकी गई थी. हालांकि नियम के मुताबिक बकाया होने पर भी ऑक्सीजन की सप्लाई फर्म को बाधित करने का अधिकार नहीं था. इस मामले में कमीशन के बड़े बंदरबाट का भी खुलासा हुआ था. इसी पर डॉक्टर कफील खान ने ‘गोरखपुर अस्पताल त्रासदी’ के नाम से एक किताब लिखी है, जो 6 भाषाओं में प्रकाशित हुई है.

फिल्म में हेल्थ मिनिस्टर अपना गुनाह कबूल कर खुद को और हेल्थ सिस्टम को जिम्मेदार बताते हैं. फिल्म में इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती मासूमों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो जाती है. इस पर मिनिस्टर खुद अपनी गलती मानता है। फिलहाल तो जवान फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर दबदबा कायम है फिल्म लगातार कमाई कर रही है। फिल्म ने आम आदमी के मुद्दे को, किसानों के मुद्दे को जिस तरह से छुआ है और जिस तरह से उद्योगपतियों पर मेहरबान सरकार को निशाने पर लिया है, उससे हर इंसान खुद को इस फिल्म से जुड़ा महसूस कर रहा है और यही वजह है कि यह फिल्म इतनी बड़ी हिट साबित हुई है। आपको इस फिल्म में क्या अच्छा लगा है, कमेंट में जरूर बताइए। मिलते हैं अगले वीडियो में

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