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जेल से रिहा हुए पत्रकार सिद्दीकी कप्पन, छलका दर्द !

लखनऊ: केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Journalist Siddiqui Kappan) लखनऊ के जेल से रिहा कर दिया गया है। वह बीते 28 महीने से जेल में बंद थे। कप्पन UAPA (Unlawful Activities Prevention Act ) के अंतर्गत जेल में बंद थे।

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ज्ञात हो कि,  2020 में हाथरस में एक दलित महिला का बलात्कार व कथित रूप से हत्या के मामले में गलत रिपोर्टिंग करने व समाज में भय पैदा करने के आरोप में उत्तरप्रदेश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कप्पन और उनके 3 साथियों पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) से संबंध रखने और हिंसा भड़काने की साजिश का भी आरोप लगा था। 1 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिग के एक केस में लखनऊ की सेशन कोर्ट ने उनकी ज़मानत के फ़ैसले पर हस्ताक्षर किया था। इससे एक महीने पहले इलाहबाद हाईकोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ज़मानत दे दी थी।

 

हाथरस कांड के बाद जेल में बंद थे कप्पन

5 अक्टूबर 2020 में हाथरस गैंगरेप मामले पर रिपोर्टिंग के लिए जाते समय कप्पन और उसके तीन साथियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में उन्हें ज़मानत दे दी थी। लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ज़मानत नही मिल पाई थी जिसकी वजह से कप्पन की रिहाई नहीं हो पाई थी। दिसंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा उनके बैंक खाते में पांच हज़ार के ट्रांसफ़र के अलावा किसी तरह का अन्य लेनदेन नहीं हुआ है।

“मैं तो बस रिपोर्टिंग करने गया था” कप्पन का छलका दर्द

पत्रकारों के द्वारा पूछे गए सवालों पर कप्पन ने कहा कि वह हाथरस सिर्फ रिपोर्टिंग करने गए थे। उनपर लगे सारे इल्ज़ाम बेबुनियाद है। “मैं 28 महीने बाद जेल से बाहर आया हूं। मैं काफी संघर्ष के बाद बाहर आया हूं। मैं खुश हूं, मीडिया ने मुझे बहुत सपोर्ट किया”। आगे भी अपनी लड़ाई जारी रखूँगा।

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