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कंगना ने फिर बढ़ा दीं बीजेपी के लिए मुश्किलें, कृषि कानून दोबारा लाने की कर दी मांग

 

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कंगना रनौत एक बार फिर चर्चा में हैं. कंगना के कारण एक बार फिर बीजेपी मुश्किलोें में है। कंगना ने एक बार फिर पार्टी की चेतावनी के बावजूद ऐसा बयान दे दिया है जिससे बीजेपी के लिए निकल पाना मुश्किल दिख रहा है। इस बयान के बाद अब कंगना पर ऐक्शन की मांग होने लगी है। पहले किसान आंदोलन, फिर सिख और अब कृषि कानून कंगना के बयानों ने कब कब पार्टी को मुश्किल में डाला है और क्या अब वो पार्टी से बाहर होंगी? इन सभी बातों पर इस वीडियो में हम विश्लेषण करेंगे तो वीडियो अंत तक जरूर देखिएगा।

दोस्तों, कंगना रनौत ने कृषि कानूनों को दोबारा लाए जाने की मांग उठाकर सियासत को गरमा दिया है। ये वही कृषि कानून हैं जिस पर किसानों ने लंबा आंदोलन किया था और मोदी सरकार को मजबूर होकर उसे वापस करना पड़ा था। लेकिन कंगना इसे किसानों के हित में बता रही हैं और कह रही हैं कि किसानों के लिए इन कानूनों को वापस लाना चाहिए। कंगना यहीं नहीं रूकीं बल्कि उन्होंने ये तक कह दिया कि किसानों को खुद इस कानून की मांग करनी चाहिए।

इस बयान ने बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है। कई राज्यों खासकर हरियाणा में होने जा रहे चुनाव से पहले कृषि कानून पर दिया यह बयान बीजेपी के लिए मुश्किल भरा हो सकता है। यही वजह है कि बीजेपी ने तुरंत इस बयान से किनारा कर लिया। यह बयान अब उनकी पार्टी के सहयोगियों के लिए मुशिकल पैदा कर रहा है। चिराग पासवान ने तो इसे उनका पर्सनल बयान बताया लेकिन नीतीश की पार्टी ने इसे पीएम मोदी का अपमान बताते हुए कंगना पर तुरंत कड़े ऐक्शन की मांग कर दी है।

यह पहली बार नहीं है जब कंगना के बयान से बीजेपी की फजीहत हुई है। इससे पहले किसान आंदोलन पर उन्होंने विवादित बयान दिया था। 25 अगस्त को अपने एक बयान में कंगना ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि किसान आंदोलन के जरिए भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की तैयारी थी. उन्होंने कहा था किवो यहां (भारत) होते हुए भी देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता. यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे….थे. किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ. इस बयान पर खूब हंगामा हुआ और बीजेपी को कहना पड़ा कि ये उनकी निजी राय है।

इससे पहले किसान आंदोलन के समय कंगना ने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का विरोध किया था। कंगना ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और किसानों आंदोलन को दोषी ठहराया था. इसी तरह से किसान आंदोलन के समर्थन में जब अंतरराष्ट्रीय हस्तियों पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया तो कंगना ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि ये भारत को बदनाम करने की साजिश है।

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