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लोकसभा चुनाव: निर्दलीय पवन सिंह को बीजेपी दे रही सपोर्ट! आखिर काराकाट में क्यों है ये चर्चा

बिहार के काराकाट लोकसभा सीट पर यूं तो 1 जून को चुनाव है लेकिन हंगामा इस सीट पर तभी से शुरू है जब से भोजपुरी पावर  स्टार पवन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोके हैं। पवन सिंह पहले बीजेपी के ही प्रत्याशी थे। बीजेपी ने उन्हें पश्चिम बंगाल से टिकट भी दिया था लेकिन अब वे निर्दलीय मैदान में हैं। काराकाट सीट बीजेपी के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं। लेकिन इस सीट पर दबी जुबान जो बातें हो रहीं हैं उसने उपेंद्र कुशवाहा की नींद उड़ा रखी है। शायद यही वजह है कि उन्हें नामांकन के दिन यहां तक कहना पड़ गया था कि पवन सिंह के बारे में बीजेपी सोचेगी, मैंंने तो अपना नामांकन कर दिया है। तो इस बयान के मायने क्या हैं और क्यों पवन सिंह की उम्मीदवारी को कुछ लोग नीतीश और बीजेपी का मास्टरस्टट्रोक बता रहे हैं चलिए इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

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पवन सिंह ने जब काराकाट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तभी से यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया था। हालांकि बाद में लोग कहने लगे कि बीजेपी पवन सिंह को मना लेगी और उन्हें चुनाव नहीं लड़ने देगी। उधर, यूट्यूबर मनीष कश्यप भी निर्दलीय मैदान में थे, जिन्हें बीजेपी अपने पाले में लाई लेकिन पवन सिंह को पाले में नहीं ले पाई। इसके बाद से यह चर्चा तेज हो गई कि बीजेपी जानबूझकर पवन सिंह को अपने पाले में नहीं ला रही है। कुछ लोग यह तक कहने लगे कि अगर बीजेपी चाह देती तो पवन सिंंह यहां से चुनाव नहीं लड़ते लेकिन बीजेपी चाहती ही नही है।

बिहार में चुनाव से पहले बीजेपी ने यहां एनडीए के साथ मिलकर सभी 40 सीटों को जीतने का दावा किया था। पिछली बार बीजेपी 39 सीटें जीती थीं। कहा जा रहा है कि अब बीजेपी ने खुद यहां लक्ष्य 40 से 39 कर लिया है। तो क्या एक सीट जो बीजेपी छोड़ रही है वो काराकाट की सीट है?

कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यहां उपेंद्र कुशवाहा जीतें या पवन सिंह, ये सीट जाएगी बीजेपी के ही खाते में। पवन सिंह जीत भी जाते हैं तो वे बीजेपी में ही आएंगे क्योंकि पहले भी वे बीजेपी में थे और आज भी उनके रिश्ते बीजेपी के साथ बेहतर हैं। वहीं कुछ लोग यहां तक दावा कर रहे हैं कि पवन सिंह को बीजेपी ने ही मैदान में उतारा है। कुछ लोग तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि कहीं न कहीं पवन सिंह को नीतीश कुमार का भी समर्थन प्राप्त है। नीतीश भी चाहते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा का राजनीतिक करियर मुश्किल में रहे और नीतीश की इसी चाहत को पूरा करने के लिए बीजेपी ने पवन सिंह को अपने पाले में लाने की कोशिश नहीं की।

महागठबंधन के सहयोगी दल विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी साफ दावा कर रहे हैं कि पवन सिंह को उतारकर भाजपा वालों ने उपेंद्र कुशवाहा को काराकाट में फंसा दिया है। हालांकि उपेंद्र कुशवाहा ने साफ कहा है कि पवन सिंह का बीजेपी देखेगी। वैसे उन्होंने यह भी दावा किया कि एनडीए इस समय पूरी ताकत से एक साथ खड़ा है और पवन सिंह सिर्फ सोशल मीडिया पर माहौल बना रहे हैं जमीनी हकीकत कुछ और है। कुशवाहा ने दावा किया कि एनडीए यहां पर जीत हासिल करेगी और पीएम मोदी को हम मजबूत करेंगे।

अब ये तो आने वाला वक्त बताएगा कि पवन सिंह यहां से चुनाव जीत पाते हैं या फिर एक स्टार होने के कारण सिर्फ उनके पीछे यह भीड़ दिख रही है। लेकिन ये तो तय है कि पवन सिंह के यहां से चुनाव लड़ने के कारण अब यहां अफवाहों और कई तरह की राजनीतिक कयासों का दौर जारी है। पवन सिंह की उम्मीदवारी को लेकर सबके अपने तर्क हैं और इन बातों ने यहां की सियासत को और दिलचस्प बना दिया है। आपको क्या लगता है पवन सिंह यहां से चुनाव जीत पाएंगे या नहीं, कमेंट जरूर करें।

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