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आकाश आनंद को मायावती ने अचानक क्यों हटा दिया, पीछे की कहानी जानकर दंग रह जाएंगे

बहुजन समाज पार्टी की नई पीढ़ी के तौर पर पार्टी में अहम पदों पर काबिज किए गए आकाश आनंद सिर्फ पांच महीने में ही सभी अहम पदों से हटा दिए गए। आखिर ऐसा क्या हुआ कि मायावती जिस पर सबसे अधिक भरोसा दिखा रही थीं, जिसे खुद मायावती ने पार्टी का उत्तराधिकारी तक घोषित किया था, सिर्फ 5 महीने के भीतर ही उसे किनारे लगाना पड़ गया। बसपा सुप्रीमो मायावती के इस फैसले के बाद सभी आश्चर्यचकित हैं। लेकिन इसके पीछे की कहानी आप जान लेंगे तो समझ जाएंगे कि आखिर इस कड़े फैसले के पीछे असल राजनीति क्या है? मायावती ने यूं ही इतना बड़ा फैसला नहीं लिया है। तो चलिए विस्तार से आपको बताते हैं, इसके पीछे की असली वजह।

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देखिए पिछले वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए पदाधिकारियों के सम्मेलन में खुद मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। हालांकि मायावती ने आकाश को यूपी और उत्तराखंड से दूर रखने का निर्णय लिया था। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव आने पर आकाश आनंद ने बसपा की जनसभाओं की शुरुआत यूपी के नगीना से की। इस जनसभा में उन्होंने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना के प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर सीधा हमला बोला। कहा जा रहा है कि आनंद का यह रवैया मायावती को अच्छा नहीं लगा।

माना जा रहा है कि आकाश के इस हमले से सीधा फायदा चंद्रशेखर को मिलने की संभावना जताई जाने लगी। इसके बाद उन्होंने सीतापुर में दिए अपने भड़काऊ भाषण से पार्टी नेतृत्व को फिर से नाराज कर दिया। सीतापुर में जनसभा के दौरान भाजपा नेताओं की तुलना आतंकवादियों से की थी। साथ ही, उन्हें जूतों से मारने की बात कही थी। आकाश आनंद के इस भड़काऊ भाषण के बाद उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था, जिसमें पार्टी के तीन प्रत्याशियों को भी नामजद किया गया था। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए आकाश आनंद की रैलियों के आयोजन पर रोक लगा दी थी।

बसपा सुप्रीमो ने सीतापुर के प्रकरण के बाद आकाश आनंद के प्रचार पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद वह लगातार दिल्ली में रहकर प्रचार-प्रसार कर रहे थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों, विदेश में बसे बहुजन समाज के लोगों के साथ संपर्क करते हुए बसपा का प्रचार करते रहे।

बताया जा रहा है कि मायावती इस कदम से बेहद खफा थीं। इसके बाद उन्होंने कड़ा फैसला लेते हुए आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिटनेटर के पद और अपने उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी से हटाने का सीधा ऐलान कर दिया। हालांकि उन्होंने आकाश आंनद के पिता और अपने भाई आनंद कुमार को जिम्मेदार बताते हुए साफ कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी पार्टी हित में निभाते रहेंगे। मायावती ने आकाश आनंद को हटाने के पीछे वजह बताते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “आकाश आनन्द को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम ज़िम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।

लेकिन सवाल ये है कि इतना बड़ा फैसला मायावती ने अचानक से लिया क्यों, तो राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि मायावती को ऐसा लग रहा है कि आकाश आनंद की आक्रामक शैली और जिस तरह के शब्दों का वो इस्तेमाल चुनावी प्रचार में कर रहे हैं, उससे मायावती खुश नहीं थीं. उन्हें चुनाव में अपनी पार्टी का फ़ायदा होने से ज़्यादा नुक़सान की आशंका सताने लगी थी. कुछ लोग यह भी मान रहे हैं कि मायावती अभी बीजेपी को नाराज नहीं करना चाहती और इसीलिए आकाश के खिलाफ इतना कड़ा फैसला लिया है। आपको क्या लगता है, आकाश आनंद के खिलाफ मायावती ने ऐसा फैसला क्यों लिया होगा, कमेंट में जरूर बताएं।

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