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न जर्जर थी इमारत, न आया भूकंप, ना हुई आसपास खुदाई फिर कैसे ताश के पत्तों की तरह बिखर गई 3 मंजिला इमारत

लखनऊ में तीन मंजिला इमारत के ढहने के मामले ने पूरे राजधानिवासियों को डरा दिया है। यह खौफ इसलिए भी है कि क्योंकि शहर में न भूकंप आया, न ही आसपास कोई खोदाई हुई और न ही ये इमारत जर्जर थी… तो फिर ऐसा क्या हुआ के ताश के पत्तों की तरह ये इमारत ढह गई। इससे भी बड़ी बात ये है कि लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर में बनी यह इमारत सिर्फ एक दशक पुरानी थी। विशेषज्ञ भी इमारत के इस तरह से ढहने पर हैरान हैं। तो फिर आखिर ऐसा हुआ कैसे, चलिए इस वीडियो में हम आपको पूरी जानकारी देते हैं कि आखिर इतना बड़ा हादसा बिना किसी कारण लखनऊ में कैसे हो गया जिसने 8 लोगों की जान ले ली।

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दोस्तों, आप सबको अब मालूम चल ही गया है कि लखनऊ में ट्रांसपोर्टनगर में तीन मंजिला इमारत के ढहने से 8 लोगों की मौत हुई है जबकि 22 से अधिक लोग घायल हैं। घायलों का इलाज जारी है। लेकिन लोगों में दहशत है। एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि 10 साल पहले बनी ये इमारत अचानक ताश के पन्नों की तरह बिखर कैसे गई।

हमने कई एक्सपर्ट्स से बातचीत की जिस पर ये निकलकर सामने आया कि घटिया निर्माण और गलत इंजीनियरिंग से ऐसा हो सकता है। इसके साथ-साथ ट्रांसपोर्ट नगर के व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजनारायण सिंह का कहना है कि पूरे ट्रांसपोर्ट नगर में और जहां ये बिल्डिंग थी वहां ड्रेनेज का कोई सही सिस्टम नहीं है। इस कारण से यहां हमेशा ही पानी भरा रहता है और शायद ये कारण हो सकता है कि इसकी नींव कमजोर हो गई हो। उन्होंने यह भी कहा कि संभव है कि कई और मकान इसकी जद में आ जाएं। ऐसे में उन्होंने अपील की है कि प्रशासन इसकी जाएं कराए और ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर करे।

हालांकि जब इमारत के बारे में दस्तावेज खंगाले गए तो सबकुछ नियम के मुताबिक पाया गया। इसका मतलब साफ है कि निर्माण के वक्त घटिया सामग्री का इस्तेमाल और बेहतर सीवरेज नहीं होने से शायद यह हादसा हुआ है। अब सोचिए शहर में कितने बिल्डर या ठेकेदार मकान बनाकर तैयार कर रहे हैं और लोग खरीद रहे हैं। ऐसे में अगर सिर्फ घटिया सामग्री के कारण ऐसा हुआ है तो फिर शहर के कई मकान समझिए खतरे के निशान पर हैं। शायद इसीलिए लोग और डर रहे हैं।

कुछ लोग यह भी चर्चा कर रहे हैं कि मलबे के पास एक कंटेनर था। कहा जा रहा है कि वह कंटेनर इमारत की पिलर से टकरा गया और इमारत गिर गई। लेकिन सिर्फ कंटेनर के पिलर से टकराने पर इतनी बड़ी इमारत कैसे गिर सकती है।  एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ट्रक की स्पीड होती और  फिर वो इमारत से टकाराती तो कोई और बात होती लेकिन इस स्थिति में इमारत का गिरना यह साफ दिखाता है कि निर्माण सामग्री ही घटिया थी और ड्रेनेज सिस्टम का सही होना जरूरी है। एक्सपर्ट्स ने अपील की है कि इमारत या घर खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता को जरूर चेक कर लें। वहीं बनाते समय भी ध्यान रखें कि ठेकेदार कहीं कोई खेल तो नहीं कर रहा है। आपका क्या कहना है, कमेंट कीजिए।

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