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Lucknow Crime News: पहले बेटों ने छोड़ा साथ, फिर पोते ने उतारा मौत के घाट।

लखनऊ के अलीगंज से एक दिल दहलाने वाली अपराध की घटना सामने आयी है। जहां एक पोते ने पहले अपनी दादी के हाथ का बना खाना खाया और फिर उनको मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं हत्या से पहले दादी ने अपने पोते के लिए खाने का टिफिन भी पैक किया। लेकिन निर्दयी पोते ने ममता को दरकिनार करते हुए दादी को चंद रुपयों के लिए मौत के घाट उतार दिया। उसने सर से लेकर पांव तक करीब एक दर्जन वार किये।

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पौत्र के मिलने आने पर थी बेहद खुश।

मामला अलीगंज इलाके के त्रिवेणीनगर- 2 का है। यहां के योगीनगर में तीन बेटे होने के बाद भी 90 वर्षीय स्नेहलता शर्मा अकेली रहती थीं। उनकी हत्या की खबर सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फैल गयी। बुजुर्ग की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनके अपने पोते ने की थी। रविवार देर रात पुलिस ने जब आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने वारदात क़ुबूल की। आपको बता दें कि बुजुर्ग महिला एक संपन्न परिवार से थी। इसके बाद भी वो अकेले रहती थी। पौत्र मानस के आने पर बुजुर्ग महिला बहुत खुश थीं। उन्होंने पोते के लिए खाना बनाया। जब मानस ने रुद्रपुर जाने की बात की तो उन्होंने फिर से खाना बनाकर रास्ते के लिए टिफिन पैक किया। जो आरोपी के बैग से मिला।

अकसर करता था दादी से पैसों की मांग।

पुलिस के मुताबिक, 22 साल का मानस शराब का आदी था। वह अकसर अपनी दादी से मिलने के लिये आया करता था। वह अकसर अपनी दादी से पैसों की मांग करता था। रविवार को भी वह अपनी दादी से पैसे मांगने के लिए आया था। जब दादी ने पैसे देने से मना किया तो उसने गुस्से में दादी पर बांके से हमला कर दिया। हत्या के बाद मानस बुजुर्ग के हाथ से सोने के कंगन और घर से 2500 रुपये लेकर फरार हो गया। पुलिस से बचने के लिए उसने नया सिमकार्ड लिया। पहले तो मानस पुलिस को चकमा देता रहा, लेकिन मोबाइल के ईएमईआई नंबर से पुलिस ने आरोपी को ढूँढ निकाला। इसके बाद सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपने जुर्म को कबूल किया।

बेटे थे अफसर फिर भी खुद ही सारा काम करती थीं।

आपको पता दें कि बुजुर्ग स्नेहलता के तीन बेटे और एक बेटी है। उनका बड़ा बेटा रमेश रिटायर्ड अधिशासी अभियंता है। दूसरे नंबर का आलोक स्टेट फूड कॉरपोरेशन से रिटायर्ड है। तीसरे नंबर के मुकेश फोरेंसिक विभाग से डिप्टी डायरेक्टर के पद से रिटायर्ड है। वहीं चौथा बेटा महेश सिधौली में अपना काम करता है। बताया जा रहा है कि मुकेश ही मां की देखभाल करता था और उनसे हालचाल लेने अकसर आया करता था। इतना संपन्न परिवार होने के बाद भी 90 साल की स्नेहलता अकेले रहती थी और खुद ही सारा काम करती थीं। आरोपी मानस मुकेश का बेटा है।

स्नेहलता के पति कैलाश का करीब छह साल पहले कैंसर की वजह से निधन हो गया था। 90 वर्षीय स्नेहलता के पति को जब कैंसर हुआ तो दो बड़े बेटों ने उनसे किनारा कर लिया। बेटी देश से बाहर रहती है जबकि तीसरा बेटा मुकेश कुछ हद तक देखभाल करता था। इस घटना के बाद मोहल्ले वाले स्तब्ध हैं। पड़ोसियों के अनुसार उन्होंने बुजुर्ग के घर से दोपहर को तेज आवाजें सुनी थी। लेकिन कुछ ही देर में सब शांत हो गया तो लगा कि कोई मामूली बात हुई होगी। लेकिन वारदात का पता चलने के बाद सभी लोग हक्केबक्के रह गए। पुलिस ने सोमवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट से पता चला कि सिर पर जो वार किया गया, उसकी वजह से स्नेहलता की मौत हुई। इसके अलावा गले, चेहरे, पेट पर करीब एक दर्जन बार बांका से आरोपी ने वार किए थे।

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