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अद्भूत मंदिर: नोटों से सजाया जाता है यहां भगवान को, भक्तों के जेवर से तैयार होती हैं मां लक्ष्मी

अपने देश में आस्था से बढ़कर कुछ भी नहीं है। दिवाली से बढ़कर कोई त्योहार नहीं है। ऐसे में आज हम आपको देश के एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां हर एक भगवान को सिर्फ नोटों से सजाया जाता है। यहां तक कि मंदिर में मां लक्ष्मी देवी की मूर्ति को भक्तों द्वारा दान किए गए जेवरों से सजाया जाता है।

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मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में यह मंदिर स्थिति है। यह महालक्ष्मी का प्राचीन मंदिर है, जो साल में पांच दिनों के लिए देशभऱ में खास महत्व रखता है। इन पांच दिनों में यह मंदिर यहां भक्तों द्वारा लाए गए गहनों और नोटों से सजाया जाता है। मां का श्रृंगार भी यहां चढ़ने वाली ज्वैलरी से करते हैं। इस साज-सज्जा को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु दिवाली के समय यहां पहुंचते हैं.

 

 

महालक्ष्मी का यह मंदिर वैसे तो सालभर खुला रहता है पर दिवाली के मौके पर यहां विशेष आकर्षण रहता है। दिवाली पर यह पूरा मंदिर नोटों से सजाया जाता है। नोटों से सजावट के बाद धनतेरस के दिन ब्रह्म मुहूर्त में इसे खोल दिया जाता है और अंतिम बार गोवर्धन पूजा के बाद पट बंद होते हैं। इस दौरान जो भी भक्त आभूषण चढ़ाते हैं उसी से मां लक्ष्मी का श्रृंगार होता है।

 

 

देश का ऐसा इकलौता मंदिर

यह पूरे देश का इकलौता मंदिर है जहां मां लक्ष्मी का श्रृंगार भक्तों द्वारा लाए गए गहनों और नोटों से किया जाता है। इतना होने के बावजूद कभी भी कोई गहना गायब नहीं हुआ। इस कारण भक्तों के बीच यहां गहरी श्रद्धा और विश्वास है। मंदिर में मां लक्ष्मी की मूर्ति को पांच हाथियों पर विराजमान दिखाया गया है। मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश और मां सरस्वती की प्रतिमाएं भी यहां लगी हैं।

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