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लोकसभा चुनाव में हुई BSP की एंट्री, इंडिया गठबंधन के सामने इस प्रत्याशी को उतारा मैदान में !

लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 समर में सियासी पार्टियां पूरी से तरह एक्टिव हो चुकी है। भाजपा और सपा ने अपने- अपने कुछ प्रत्याशियों के नामों का भी ऐलान कर चुके हैं। समाजवादी पार्टी ने अभी तक 31 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी की बात करे तो यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 51 सीटों पर पहले ही प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। जब कि 29 सीटों पर ऐलान होना बाकी है, इनमे से बाराबंकी सीट के प्रत्याशी ने फिलहाल चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है पर वहीं बची हुई सीटों पर किसको लड़ाया जाए, गठबंधन में कौन सी सीट जायेगी, इस पर मंथन जारी है। पूरे खेल से गायब दिखने वाली बहुजन समाज पार्टी मैदान में आ चुकी है। अमरोहा की लोकसभा सीट पर बसपा ने डॉक्टर मुजाहिद हुसैन को अपना प्रत्याशी घोषित किया है डॉक्टर मुजाहिद हुसैन मूल रूप से गाजियाबाद के डसना के रहने वाले हैं वह पेशे से BUMS डॉक्टर हैं और दो साल पहले ही वह बसपा में शामिल हुए थे। मुजाहिद हुसैन की पत्नी बागेजहां डासना की नगर पंचायत अध्यक्ष हैं।

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मुजाहिद का पार्टी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
दरअसल, बहुजन समाज पार्टी के पश्चिमी यूपी के प्रभारी शमसुद्दीन रानी , नगीना के सांसद गिरीश चंद्र और जिलाध्यक्ष सोमपाल सिंह की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को जोया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुजाहिद को प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान किया गया. मुजाहिद हुसैन का प्रत्याशी के रूप में नाम ऐलान होने के बाद पार्टी के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने . मुजाहिद हुसैन का विरोध शुरू कर दिया और बाहरी प्रत्याशी घोषित करने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए हाथों में तख्ती लेकर मुजाहिद हुसैन का विरोध किया। नाराज़ बीएसपी कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए टिकिट का बहिष्कार कर चले गए.

 

अमरोहा की सियासी समीकरण
बता दे कि, बसपा अमरोहा लोकसभा सीट से चार बार निर्णायक भूमिका में रही है. पार्टी ने 1991 में जिले में पहला चुनाव लड़ा था. बसपा ने महेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाकर मैदान में भेजा था, लेकिन उन्हें इस चुनाव में केवल 14,251 वोट मिले थे। जिसके बाद प्रत्येक चुनाव में बसपा का वोट बैंक बढ़ता गया। वर्ष 1996 में बसपा प्रत्याशी राशिद अल्वी 1,37,289 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि वर्ष 1998 में हुए चुनाव में बसपा प्रत्याशी आले हसन 2,30,088 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। वही वर्ष 2014 में फरहत हसन उर्फ हाजी शब्बन को 1,62,983 वोट मिले और वह भी तीसरे स्थान पर रहे थे. वही साल 1999 में जीत का खाता खोलने के 20 साल बाद 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन हुआ तो जिले के जातीय समीकरण पूरी तरह बद गए। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी दानिश अली 6,01,082 वोट लेकर सांसद बनने में कामयाब रहे।

 

 

जीते थे दानिश अली
दरअसल, 2019 के लोक सभा चुनाव में बसपा के कुंवर दानिश अली सपा- बसपा गठबंधन में यहां से जीते थे। 2009 में भी बीएसपी के टिकिट पर राशिद अल्वी ने यहां से जीत दर्ज की थी। कुछ महीने पहले बसपा ने अपने मौजूदा सांसद दानिश अली को पार्टी से निलंबित कर दिया हैं। अब यह सीट सपा- कांग्रेस में गठबंधन होने के बाद कांग्रेस के खाते में हैं और कांग्रेस से कुंवर दानिश अली के प्रत्याशी घोषित होने की संभावना है इसलिए वह भी लगातार छेत्र में प्रचार में जुटे हुए हैं। अमरोहा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने तंवर सिंह कंवर को अपना प्रत्याशी घोषित किया है वह 2014 में इस लोक सभा सीट से जीते थे लेकिन 2019 में कुंवर दानिश अली से चुनाव हार गए थे।

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