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एयरहोस्टेस गीतिका सुसाइड केस में विधायक गोपाल कांडा बरी..!

दिल्ली : हरियाणा के बहुचर्चित एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को हत्या में आरोपी विधायक गोपाल कांडा को बरी कर दिया है। कांडा इस केस में मुख्य आरोपी थे। वे इस मामले में 18 महीने जेल भी काट चुके हैं। कांडा हरियाणा के गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। इस केस का फैसला 11 साल के बाद आया है।

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फैसले में कोर्ट ने क्या कहा।

कोर्ट ने कहा कि इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती कि गीतिका दूसरी वजहों से खुसखुशी कर सकती थी। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष सेक्शन 306 (खुदखुशी के लिए उकसावा) 120 बी के सबूत पेश नहीं कर पाया है। ऐसा कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया जिससे लगे कि पीड़िता के खिलाफ साजिस की गयी या उसके पास खुदखुशी के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था। ऐसे में हो सकता है कि किसी और वजह से गीतिका ने खुदखुशी की हो।

कोर्ट ने आगे कहा कि इस बात के भी सबूत हैं कि गीतिका मार्च 2012 में अरुणा चड्डा के सुझाये हुए डॉक्टर के पास अबॉर्शन के लिए गयी थीं। गीतिका शादीशुदा नहीं थीं। ऐसा हो सकता है कि अरुणा चड्डाको इस बात की जानकारी हो कि गीतिका किसके साथ रिलेशनशिप में थीं। ऐसा भी हो सकता है कि कांडा और गीतिका ने 3 और 4 अगस्त को गीतिका की मां से बात कर यह बात उन्हें बता दी हो। जिसे लेकर गीतिका और उनकी मां के बीच झगड़ा हुआ हो और फिर उन्होंने खुदखुशी कर ली। बता दें कि गीतिका की मौत के कुछ समय बाद ही गीतिका की मां ने भी खुदखुशी कर ली थी।

क्या है गीतिका शर्मा केस..?

आपको बता दें कि 5 अगस्त 2012 को एयरहोस्टेस गीतिका ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने फ्लैट पर आत्महत्या कर ली थी। गीतिका ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था। जिसमें उस समय हरियाणा सरकार के गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा और अरुणा रेड्डी को जिम्मेदार ठहराया था।

गोपाल कांडा ने कहा कि मेरे खिलाफ एक भी सबूत नहीं था।

हत्या के आरोप से बरी होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गोपाल कांडा ने कहा कि मेरे खिलाफ एक भी सबूत या कुछ नहीं था। यह सिर्फ और सिर्फ बनाया गया था। ये किस सोच के साथ और क्यों बनाया गया था ? ये कोर्ट ने आज फैसला दे दिया। ये सबके सामने है। इसके बाद गोपाल कांडा ने कहा कि मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं था। ये सब बनाया गया था। गोपाल कांडा के वकील ने कहा कि ये पहले दिन से ही उनके क्लाइंट के खिलाफ कोई भी एविडेन्स नहीं थे। इस मामले में कांडा के साथ उनकी MDLR कंपनी की मैनेजर अरुणा चड्डा को भी बरी कर दिया गया है।

वहीं इस फैसले के बाद गीतिका के भाई अंकित ने कहा कि मै अभी बात करने की स्थिति में नहीं हूँ। अभी आगे सोचूंगा कि आगे क्या करना है।

 

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