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बच्चे की प्राइवेट स्कूल की फीस न दे पाने पर दी मां ने अपनी जान

लखनऊ : प्राइवेट स्कूल की फीस न भर पाने के कारण एक दुखद घटना सामने आयी है। मड़ियांव के मोहिबुल्लापुर स्थित एक निजी स्कूल की तीन महीने की फीस जमा न होने पर हाईस्कूल के एक छात्र के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी। जिस कारण बच्चे की मां का स्कूल की फीस नहीं जमा कर पा रहे अपने पति के साथ झगड़ा होने लगा, ये झगड़ा पति-पत्नी के बीच दो से तीन दिन तक चला। जिसके बाद छात्र की मां ने कमरे में फ़ासी लगा ली।

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बच्चे की पढ़ाई छूटने से थी परेशान

महिला द्वारा उठाये गए इस कदम से पूरा मोहल्ला अवाक रह गया। पुलिस की पूछताछ में महिला के पति ने बताया कि उसने दो हज़ार रुपये की व्यवस्था कर चुका था और बाकी के दो हज़ार की व्यवस्था में लगा हुआ था। लेकिन उसकी पत्नी बच्चे की पढ़ाई छूटने की वजह से बहुत गुस्से में आ गयी और ऐसा कदम उठा लिया। अभी तक इस मामले में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं कराई गयी है।

 

स्कूल प्रबंधक ने लगाया बच्चे के स्कूल में प्रवेश पर प्रतिबन्ध

गायत्रीनगर के रहने वाले टाइल्स कारीगर श्यामू यादव ने बताया कि उनका बेटा अभय मोहिबुल्लापुर के एक निजी स्कूल में पढ़ रहा है। वह तीन महीने से स्कूल की फीस नहीं जमा कर पाया जिसके कारण दो दिन पहले ही स्कूल प्रबंधन ने अभय को स्कूल आने से रोक दिया था। इस मामले में जब श्यामू ने स्कूल प्रबंधक से पूछा तो उन्होंने कहा कि फीस जमा करने के बाद ही बच्चे को स्कूल भेजना।

 

परिवार की खराब आर्थिक स्तिथि के कारण नहीं पढ़ा पा रहे बच्चे

उसने बताया कि पैसे की कमी के चलते ही बच्ची की पढ़ाई छुड़वा दी थी और सिर्फ बेटे की पढ़ाई करवा रहा था। श्यामू ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है। इसी वजह से दूसरे नंबर की बेटी अनन्या को नहीं पढ़ा सका था। उसकी पढ़ाई कक्षा सात के बाद छुड़वा दी गयी थी। वहीं छोटी बेटी कुमुद की शिक्षा के अधिकार के तहत फीस माफ़ हो गयी थी, इसी कारण उसको स्कूल भेज पा रहा है।

 

बच्चे की पढ़ाई रुकने से परेशान मां ने फ़ासी लगाकर दी जान

श्यामू ने बताया कि उसे पत्नी रेनू के ऐसा कदम उठाये जाने को लेकर बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था। बेटे अभय ने उसे फ़ोन कर बताया कि मां ने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया है और कोई भी जवाब नहीं दे रही है। जिसके बाद वह बदहवास सा घर पहुंचा जिसके बाद पड़ोसियों की मदद से उसने कमरे का दरवाज़ा को तोड़ा तो अंदर पत्नी का शव पंखे से लटका मिला। परिवार में तीन बच्चे अभय, कुमुद और अनन्या हैं। मड़ियांव इंस्पेक्टर का कहना है कि कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। श्यामू ने बताया कि अभय की हर महीने 1200 रूपए फीस पड़ती थी। तीन महीने की फीस करीब चार हज़ार रूपए वो जमा नहीं कर पाया था जिससे उसकी पत्नी रेनू परेशान थी।

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