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नए साल पर राम मंदिर की नई तस्वीरें देखिए, 70% काम पूरा, अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा प्रथम तल

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की नई तस्वीरें सामने आ गई हैं। नए साल में मंदिर परिसर के निर्माण की ये तस्वीरें पहली बार सार्वजनिक की गई हैं। ये तस्वीरें दिखा रही हैं कि काफी तेजी से मंदिर का निर्माण चल रहा है। अब तक 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अक्टूबर तक पहला तल भी तैयार कर लिया जाएगा। 2024 में भक्त मंदिर में भगवान का दर्शन कर सकेंगे।

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शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की तरफ से देशभर की मीडिया को राम मंदिर निर्माण के अब तक विकास कार्यों से रूबरू कराया गयाा। इस दौरान ट्रस्ट महासचिव चम्पत ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि में राम मंदिर का 70% निर्माण पूरा हो चुका है। गर्भगृह के पिलर 14 फीट तक बनकर तैयार हो चुके हैं। परकोटे के मंदिरों को तेजी से बनाया जा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा। पहला चरण अगस्त 2023 तक पूरा होगा। दूसरा चरण दिसंबर 2024 में जबकि 2025 तक मंदिर पूरी तरह  से आकार ले लेगा। राय ने हालांकि यह भी दावा किया कि 2024 से राम भक्त मंदिर में उनका दर्शन पूजन कर सकेंगे।

 

बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। कुल खर्च का अनुमान करीब 1800 करोड़ रुपए है। चंपत राय ने कहा कि अक्टूबर 2023 तक मंदिर के प्रथम तल का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। 2024 मकरसंक्रांति तक भगवान रामलला की मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी।

 

 

चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। प्रथम तल का निर्माण कार्य अक्टूबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद भगवान राम के बाल स्वरूप की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

 

70 फीसदी काम पूरा

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अपने तय समय सीमा से पहले बनकर तैयार होगा। मंदिर का निर्माण तेज गति के साथ चल रहा है। लगभग 70 फीसदी निर्माण कार्य अब तक पूरा कर लिया गया है। हालांकि जनवरी 2024 में मंदिर के गर्भगृह का कार्य पूरा कर भगवान को स्थापित कर दिया जाएगा।

 

मूर्ति के लिए आकाश के रंग के पत्थर

राय के मुताबिक मूर्ति के लिए ऐसे पत्थर का चयन किया जाएगा जो आकाश के रंग का हो यानी आसमानी रंग का हो।  महाराष्ट्र और ओडिशा के मूर्तिकला के विद्वानों ने आश्वासन दिया है कि ऐसा पत्थर उनके पास उपलब्ध है। पद्मश्री से सम्मानित मूर्तिकार रामलला की मूर्ति का आकार बनाएंगे, इनमें उड़ीसा के सुदर्शन साहू , वासुदेव कामात और कर्नाटक के रमैया वाडेकर शामिल हैं।

 

रामलला का दर्शन 35 फीट की दूरी से होगा

रामलला का दर्शन भव्य मंदिर में 35 फीट की दूरी पर होगा। लिहाजा भगवान की आंख से लेकर चरणों तक श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही भगवान रामलला की 5 वर्ष के बालक की खड़ी हुई मूर्ति पर लगाई जाएगी।

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