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यूपी में PFI के ठिकानों पर NIA का एक्शन: राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी रेड !

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने यूपी के लखनऊ, बाराबंकी, कानपुर, सीतापुर और हरदोई में छापेमारी की। बताया जा रहा है कि मामला PFI नेताओं और कैडरों की हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से संबंधित है। भारत सरकार ने PFI को पिछले साल आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते बैन कर दिया गया था। जानकारी अनुसार, NIA ने PFI के सक्रिय सदस्यों के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यूपी के अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में भी PFI के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, NIA ने लखनऊ के मदेगंज के 3 घरों में छापेमारी की गयी है। कानपुर के डॉ. अबरार को हिरासत में लिया है। भदोही में एक मौलाना के घर पर छापेमारी की गयी और दस्तावेजों को जब्त किया गया। सीतापुर के महमूदाबाद में भी NIA की टीमें पहुंची हैं।

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भारत के कई राज्यों में PFI के ठिकानों पर NIA की छापेमारी।

आपको बता दें कि लखनऊ के मदेगंज के बड़ी पकरिया इलाके में बुधवार सुबह 4 बजे के करीब NIA की टीम पहुंची। स्थानीय पुलिस भी NIA की टीम के साथ मौजूद रही। इस दौरान डॉ. शमीम समेत 3 अन्य के घरों में छानबीन की जा रही है। गली को दोनों तरफ से सील किया गया, लोगों के आनेजाने पर रोक लगाई गयी है। NIA ने इनपर PFI के सपोर्ट, फंडिंग और एजेंट होने का आरोप लगाया है।

बाराबंकी के कुर्सी थाना क्षेत्र के बोरहार गांव में भी NIA की टीमें पहुंची। यहां पूर्व में गिरफ्तार किये गए PFI के सक्रिय सदस्य नदीम के घर छापेमारी की गयी। इसके अलावा कानपुर के मूलगंज इलाके के डॉ. अबरार अहमद को NIA ने हिरासत में लिया है। डॉ. अबरार अहमद मूल रूप से हीरामनपुरवा के रहने वाले हैं। उन्हें पूछताछ के लिए मूलगंज थाने लाया गया है। NIA ने भदोही के मामदेवपुर में भी छापेमारी की। यहां के एक मौलाना सोयाब के घर से कुछ सिमकार्ड व दस्तावेजों को जब्त किया गया है। वहीं सीतापुर के महमूदाबाद में भी NIA की टीमें पहुंची हैं।

इसके अलावा अन्य राज्यों जिनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु में PFI के कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में PFI और उससे जुड़े 8 संगठनों पर पांच साल का बैन लगाया था। गृहमंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी करके यह सूचना दी थी। बताया गया था कि संगठन के खिलाफ टेरर लिंक के समूत मिले। जिसके बाद केंद्र सरकार ने UAPA के तहत यह एक्शन लिया था। सरकार ने PFI एवं इससे जुड़े संगठनों को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया था।

क्या है PFI संगठन ?

PFI जिसका पूरा नाम Popular front of India था। यह एक भारतीय मुस्लिम कट्टरपंथी राजनीतिक संगठन था। जिसे साल 2006 में MNP (मानिथा नीति पसाराई) और NDF (नेशनल डेवलपमेंट फंड) ने मिलकर गठित किया था। शुरुआत में यह संगठन दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था। लेकिन धीरे-धीरे यह यूपी बिहार समेत 23 राज्यों में फैल गया था। भारत सरकार ने गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम (UAPA) के तहत 28 सितंबर, 2022 को इसे पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।

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