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केरल में निपाह वायरस का अलर्ट जारी, जानें लक्षण और बचाव के उपाय !

निपाह वायरस: केरल स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार रात कोझिकोड में स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया। केरल स्वास्थ्य विभाग ने दो लोगों की ‘अप्राकृतिक’ मौत के बाद सोमवार को कोझिकोड जिले में निपाह वायरस से संबंधित अलर्ट जारी किया। संदेह जताया गया है कि जिले में “अप्राकृतिक” मौत के कारण मरने वाले दो लोग निपाह वायरस (एनआईवी) से संक्रमित थे। जिससे एक बार फिर केरल में निपाह वायरस फैलने की खबर सामने आ रही है। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने एक उच्चस्तरीय बैठक की और स्थिति की समीक्षा की।

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स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने उच्चस्तरीय बैठक की।

दक्षिण भारत में 2018 में पहली बार निपाह वायरस को कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों से रिपोर्ट किया गया था। जिसके बाद जिले में 2021 में एक और बड़े पैमाने पर इसका प्रकोप देखा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निपाह वायरस संक्रमण एक ज़ूनोटिक बीमारी है। जो जानवरों के माध्यम से मनुष्यों में फैलती है। साथ ही दूषित भोजन के माध्यम से या सीधे लोगों के बीच भी फैल सकती है। यह वायरस सिर्फ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी घातक है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार, हालांकि निपाह वायरस एशिया में केवल कुछ ज्ञात प्रकोपों ​​​​का कारण बना है। यह जानवरों की एक विस्तृत श्रृंखला को संक्रमित करता है और लोगों में गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बनता है।

जानकारी अनुसार, कोझिकोड में बुखार के बाद दो लोगों की अप्राकृतिक मौत की सूचना सामने आयी। जिसके बाद से संदेह जताया गया कि यह मौतें निपाह वायरस के कारण हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक बयान जारी कर यह सूचना दी गई। जिसमें बताया गया कि मृतकों के रिश्तेदार भी अस्पताल में भर्ती हैं। इस वायरस के कारण 9 साल एवं 4 साल के बच्चे की मौत हुई है। मृतक मरीजों के रिश्तेदारों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। फिलहाल मृतकों के शव को मॉर्चरी में रखा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।

क्या है निपाह वायरस..?

यह एक zoonotic virus है। जोकि शुरू में जानवरों में और फिर लोगों के बीच फैलता है। इस वायरस का नाम मलेशिया के एक गांव पर पड़ा है, जहां सबसे पहले इसका मामला सामने आया था। यह फ्लाइंग फॉक्स नाम के चमगादड़ से फैलता है। वायरस से संक्रमित चमगादड़ इंसानों में संक्रमण फैलाते हैं। जानवरों या उनकी लार या दूसरे शरीर के तरल के संपर्क में आने पर इसके फैलने का खतरा अधिक होता है। यही नहीं कई बार इनके द्वारा खाए गए फल को गलती से खा लेने पर भी संक्रमण का खतरा बन जाता है। जिसके बाद इससे संक्रमित व्यक्ति अन्य में इस संक्रमण को फैलाता है।

निपाह वायरस: लक्षण एवं बचाव।

निपाह वायरस में बुखार, सिरदर्द, साँस लेने में कठिनाई, खांसी और खराब गला, दस्त, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज उपलब्ध नहीं है। अभी तक न तो दवा उपलब्ध है और न ही वायरस की रोकथाम की कोई वैक्सीन। कह सकते हैं कि इस वायरस से केवल बचाव या सावधानी द्वारा बचा जाना संभव है। फलों एवं सब्जियों को अच्छी प्रकार से धोकर ही इस्तेमाल करें। साफ़-सफाई का विशेष ध्यान दें व कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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