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अब UP में एमएससी नर्सिंग के छात्र करेंगे पढाई के साथ कमाई !

UP: प्रदेश में नर्सिंग की पढाई करने वाले छात्रों के लिए ख़ुशख़बरी है। नर्सिंग के छात्र अब पढाई के साथ ही साथ कमाई भी कर सकेंगे। प्रदेश में नर्सिंग की पढाई करने वाले छात्रों को अब हर महीने 15 हजार रुपये का मानदेय मिलेगा। साथ ही उनकी गिनती अब फैकल्टी के रूप में की जाएगी। इतना ही नहीं अब बीएससी नर्सिंग छात्रों को ट्यूशन भी पढ़ा सकेंगे। दरअसल इंडियन नेशनल काउंसिंल ने प्रदेश सरकार को इस प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। अब इसे जल्द ही लागू करने की तैयारी की जा रही है।

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एमएससी नर्सिंग के छात्र अब बीएससी नर्सिंग के छात्रों को पढ़ाएंगे।

आपको बता दें, प्रदेश में एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई केजीएमयू में 2014 से शुरू हुयी थी। जिसके बाद से लगातार इसकी पढाई के लिए कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। वर्तमान समय की अगर बात की जाए तो 6 सरकारी कॉलेज में एमएससी नर्सिंग की करीब 145 सीट हैं। वहीं 52 निजी कॉलेजों में इसकी करीब 1043 सीटें हैं। पहले इन एमएससी नर्सिंग में कॉलेजवार दाखिला होता था। लेकिन अब केन्द्रीकृत काउंसलिंग के जरिये कॉलेज में दाखिला होता है। एमएससी नर्सिंग के छात्र अब पढाई के साथ साथ बीएससी नर्सिंग के छात्रों को पढ़ाएंगे। साथ ही अब एमएससी नर्सिंग के छात्रों को कॉलेज की फैकल्टी में गिना जाएगा।

ट्यूटर की न्यूनतम योग्यता बीएससी नर्सिंग है।

एमएससी नर्सिंग के छात्र अब बीएससी नर्सिंग के छात्रों को पढ़ाएंगे। ऐसा करने से कॉलेजों में फैकल्टी की कमी की समस्या भी खत्म होगी। आपको बता दें कि यह प्रयोग करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। काउंसिल की नियमावली के अनुसार बीएससी नर्सिंग की 40 सीटों पर 4 ट्यूटर की तैनाती अनिवार्य है। इसके अलावा प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के एक-एक पद अनिवार्य है। क्योंकि बीएससी नर्सिंग चार सैलून का कोर्स है। ऐसे में ट्यूटर व अन्य शिक्षकों की गणना 160 छात्रों पर होगी। तो ऐसे में कॉलेजों को न्यूनतम 16 ट्यूटर तैनात करने होते हैं। काउंसिल के अनुसार ट्यूटर की न्यूनतम योग्यता बीएससी नर्सिंग है। असिस्टेंट प्रोफेसर की न्यूनतम योग्यता एमएससी नर्सिंग व तीन साल का अनुभव है। एसोसिएट प्रोफेसर की न्यूनतम योग्यता एमएससी नर्सिंग के साथ आठ साल का अनुभव है। वहीं प्रोफेसर की न्यूनतम योग्यता एमएससी नर्सिंग के साथ 12 साल का अनुभव है।

मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज खोलने की पहल भी उत्तर प्रदेश ने की थी। जिसके बाद इसे केंद्र सरकार ने अपनाया था। केंद्रीय बजट में सभी राज्यों में 115 नर्सिंग कॉलेज खोलने को मंजूरी दी। अब इसके बाद एमएससी नर्सिंग के छात्रों को बतौर ट्यूटर रखने की पहल भी यूपी में हुई हैं। साथ ही यदि परीक्षा पैटर्न बदला गया तो डिजिटल कोर्स भी शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

काउंसिल द्बारा एमएससी नर्सिंग छात्रों को ट्यूटर बनाये जाने की मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इस व्यवस्था के कई लाभ सामने आएंगे। छात्रों को मानदेय मिलेगा। इससे उनके आर्थिक संकट दूर होंगे। इससे छात्रों का रुझान नर्सिंग क्षेत्र की ओर और अधिक बढ़ेगा।

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