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पुलिस पेपर लीक बना चुनावी मुद्दा! सत्ताधारी दल के लिए मुश्किल पैदा करेगा युवाओं का आक्रोश

सरकारी नौकरियों के एग्जाम में पेपर लीक होने से पूरी नियुक्ति प्रक्रिया अधर में पड़ जाती है। पेपर लीक के ट्रेंड ने युवाओं के भीतर गुस्सा दिया है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में पुलिस परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद युवाओं का गुस्सा सड़क पर निकला। इसने उत्तर प्रदेश से लेकर केंद्र तक की सरकारों को बेचैन कर दिया। लोकसभा चुनाव बिल्कुल नजदीक हैं। इस वक्त सड़क पर उबलता युवाओं का आक्रोश सत्ताधारी दल के किए मुश्किल पैदा कर सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने डैमेज कंट्रोल करते हुए एग्जाम रद्द कर दिया है। सवाल यह है कि क्या यह चुनावी मुद्दा बन सकता है? क्या उत्तर प्रदेश के युवा अब इस फैसले से संतुष्ट हो जाएंगे? इसके लिए फुलप्रूफ सिस्टम क्या होगा?

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राहुल गांधी अपनी न्याय यात्रा में पेपर लीक को मुद्दा बना रहे हैं। अखिलेश यादव भी आंदोलन कर रहे युवाओं के संपर्क में हैं। ऐसे उत्तर प्रदेश में सरकार की तरफ से आनन-फानन में डैमेज कंट्रोल की कोशिश की गई है। परीक्षा रद्द कर दी गई। 6 महीने के भीतर दोबारा परीक्षा कराने की बात कही गई है। RO/ARO परीक्षा में आई धांधली की शिकायत की जांच के आदेश कर दिए गए हैं। सरकार ने यह भी वादा किया है कि आगे से किसी परीक्षा में ऐसा नहीं होगा। सरकार की कोशिश लोकसभा चुनाव तक युवाओं के गुस्से को खत्म करने की है।

 

पेपर लीक होने के आरोप लगने लगे। हालांकि, पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड पेपर लीक होने की बात से इनकार करता रहा। इससे युवाओं का आक्रोश बढ़ा और जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदेश भर से युवा लखनऊ प्रदर्शन करने के लिए आने लगे।

 

इसी वक्त प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां जोर पकड़ रही थीं। पीएम नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश दौरे पर थे। उधर कांग्रेस की राज्य में न्याय यात्रा शुरू हुई। राहुल गांधी ने युवाओं के आक्रोश को भांपते हुए पेपर लीक को मुद्दा बनाया। यात्रा के दौरान और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन्होंने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। उन्होंने इस मुद्दे पर पीएम पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रयागराज में युवा सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। प्रियंका गांधी ने इस मामले की CBI जांच की मांग की।

 

उधर, लखनऊ में युवाओं के प्रदर्शन में SP की सहयोगी अपना दल (कामेरावादी) की पल्लवी पटेल पहुंच गईं। SP मुखिया अखिलेश यादव ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सक्रिय हुए और अधिकारियों को परीक्षा रद्द करने का आदेश दिया। उन्होंने युवाओं को भरोसा दिलाया है कि छह महीने के भीतर पूरी शुचिता के साथ यह परीक्षा कराई जाएगी।

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