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इस प्रख्यात कलाकार की तराशी रामलला की मूर्ति हुई फाइनल, ये मानक बने आधार; जानिए क्यों है बेहद खास

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित करने के लिए तीन मूर्तियों का निर्माण कराया गया था. इनमें से दो मूर्तियों को फाइनल किया गया है. इनमें से एक गर्भ गृह में स्थापित होगी और दूसरी को राम मंदिर परिसर में कहीं और प्रतिस्थापित किया जाएगा. आज के इस वीडियो में हम आपको श्री राम की मूर्ति भी दिखाएंगे साथ ही उससे जुडी सारी जानकारी भी देंगे।

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आपको बता दें, कर्नाटक के जानेमाने मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति का चयन हुआ है। केंद्र मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी है। वहीँ अगर बात करें मूर्ति के निर्माण में कौन सा पत्थर इस्तेमाल हुआ है तो आपको बता दें ,रामलला की अचल मूर्ति निर्माण के लिए नेपाल की गंडकी नदी समेत कर्नाटक, राजस्थान व उड़ीसा के उच्च गुणवत्ता वाले 12 पत्थर ट्रस्ट ने मंगाए थे। इन सभी पत्थरों को परखा गया तो राजस्थान व कर्नाटक की शिला ही मूर्ति निर्माण के लायक मिली।

 

मूर्ति की अगर बात करें तो –
मूर्ति की कुल ऊंचाई 52 बावन इंच है
श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी है
मस्तक सुंदर, आंखें बड़ी और ललाट भव्य हैं
कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति है
राम लला के हाथ में तीर व धनुष हैं
मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल कोमलता झलकती है।

वहीँ अगर बात करें , राम लला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगिराज कौन है । तो आपको बता दें , योगीराज एक जाना-माना नाम हैं और सोशल मीडिया पर उनकी काफी फैन फॉलोइंग है। प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज शिल्पी के बेटे 37 सैंतीस वर्षीय अरुण योगीराज शिल्पकारों के परिवार से आते हैं। अरुण के पिता गायत्री और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए भी कार्य कर चुके हैं। एमबीए की पढ़ाई कर चुके योगीराज पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार हैं। एमबीए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में भी काम किया, लेकिन 2008 में मूर्तिकार बनने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी।

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