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शेख हसीना ने जिसे कहा था खून चुसने वाला कौन है गरीबों का बैंकर, जो आज बन गया PM! जेल से अब सत्ता के शीर्ष तक पहुंचने की कहानी

आखिर कौन हैं नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनूस जो बांग्लादेश के नए पीएम बन गए हैं? हिंसा की आग में जल रहे पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से फिलहाल राहत भरी खबर है। आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच देश में तख्तापलट होने के बाद अब वहां नई सरकार का गठन हो गया है। फिलहाल नोबल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुखिया के रूप में कमान संभाल ली है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने 84 वर्षीय यूनुस को पीएम पद के समकक्ष मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई। तो चलिए इस लेख में जान लेते हैं कि आखिर मोहम्मद युनूस हैं कौन?

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युनूस बांग्लादेश के इस समय के समय के सबसे बड़े अर्थशास्त्री माने जाते हैं। वो नोबेल पुरस्कार विजेता हैं और उन्हें “गरीबों में सबसे गरीब के बैंकर” के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि एक बार इसी शेख हसीना ने उन्हें “खून चूसने वाला” तक करार दिया था लेकिन समय की बिडंबना देखिए कि खून चुसने वाला ही अब उनकी जगह पर देश का नया पीएम बन गया है और शेख हसीना को अपने ही देश से भागना पड़ा है।

83 साल के यूनुस हसीना के जाने-माने आलोचक और सत्ता विरोधी के रूप में एक तेज आवाज माने जाते हैं। उन्होंने शेख हसीना के इस्तीफे को देश का “दूसरा मुक्ति दिवस” करार दिया है। पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर, यूनुस को 2006 में गरीब लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की मदद के उद्देश्य से माइक्रो क्रेडिट के उपयोग का बीड़ा उठाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। नोबेल शांति पुरस्कार समिति ने यूनुस और उनके ग्रामीण बैंक को नीचे से आर्थिक और सामाजिक विकास बनाने के उनके प्रयासों के लिए सराहा था। यही वजह है कि छात्र आंदोलन में शामिल हर एक छात्र नेता उन्हें ही देश का अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहता था और अब उनका सपना साकार हो गया है। इन्होंने पढ़ाने के दौरान ही बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अखबार लॉन्च किया था। उसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला भी किया था और कहा जाता है कि यहीं से शेख हसीना से उनके संबंध बिगड़ते चले गए। जो शेख हसीना उनकी पहले तारीफ किया करती थीं अब वो उन्हें देखना भी नहीं चाहती थीं। और कहा जाता है कि इसके कारण ही यूनुस पर 100 से अधिक केस दर्ज हुए थे और उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने 6 महीने जेल की सजा भी सुनाई। लेकिन जेल के भीतर से ही वे अपने संघर्षों को हवा देते रहे और छात्र उनके साथ खड़े रहे।

 

मोहम्मद यूनुस ने हमेशा यह कहा कि शेक हसीना लोकतंत्र की कातिल हैं और भारत की शह पर तानाशाह बनकर बांग्लादेश की सत्ता को जबरदस्ती हथिया रही हैं। कहा जाता है कि इसके बाद शेख हसीना को यूनुस से खुद के लिए राजनीति का खतरा महसूस होने लगा था। लेकिन तब उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि हालात बद से बदतर हो रहे हैं और जिसे जेल भेजने की तैयारी सरकार ने की थी, आज वही सरकार संभालने जा रहा है।

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