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300 करोड़ की कंपनी हुई बर्बाद, 4 महीने डिप्रेशन में रहा, 6 महीने में दोबारा खड़ी कर दी 300 करोड़ की कंपनी

ये प्रेरणादायी कहानी देश के हर युवा को जानने की जरूरत है। हरियाणवी और राजस्थानी बोली में वेब सीरीज बनाने वाले सबसे बड़े OTT प्लेटफॉर्म ‘STAGE’ के को-फाउंडर विनय सिंघल की ये कहानी है। ये कहानी आपको भीतर तक झकझोर देगी और कुछ करने के लिए प्रेरित करेगी। तो चलिए पॉजिटिव स्टोरी के इस क्रम में आज हम आपको सुनाते हैं विनय सिंघल की ये कहानी।

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300 करोड़ की कंपनी…न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर बड़ा सा ऑफिस। करोड़ोें का टर्नओवर लेकिन एक दिन अचानक पता चला कि सबकुछ खत्म हो गया है। पैरों तले जमीन खिसक चुकी थी। सपने चकनाचूर हो गए थे और जीवन बेकार सा लगने लगा था, लेकिन विनय सिंघल ने हार नहीं मानी और दोबारा से खड़ी कर दी 300 करोड़ की कंपनी।

हरियाणा के भिवानी के पास नूनसर के रहने वाले विनय सिंघल की ये कहानी है। तो चलिए ये कहानी शुरू से सुनाते हैं। विनय के परिवार वाले उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्हें पढ़ने के लिए कोटा भेजा। विनय इंजीनियरिंग करना चाहते थे। चेन्नई के SRM इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग करने पहुंच गए। यहां उनकी मुलाकात हुई शशांक वैष्णव से। कुछ समय बाद विनय के भाई प्रवीण भी चेन्नई इसी कॉलेज में इंंजीनियरिंग करने आ गए।

यहां तीनों ने Follow me 24*7.com के नाम से वेबसाइट बनाई जो कॉलेज की थी। इस साइट ने तीनों को कॉलेज में जबरदस्त पहचान दी। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान दिल्ली में लोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे का आंदोलन शुरू हुआ था। इसी बीच फेसबुक के एक पेज ने बदल दी जिंदगी नाम था विटीफीड. लोगों को यह पसंद आने लगा। साल 2013-2014 में इंदौर में कंपनी का पहला ऑफिस खोला गया। दो साल में इस वेबसाइट का मंथली ट्रैफिक 12 करोड़ तक पहुंच गया था। कंपनी का रेवेन्यू करोड़ों में पहुंच चुका था।

एक समय ये आ गया था कि विटीफीड अमेरिकन लोगों का सबसे पसंदीदा प्लेटफॉर्म बन चुका था। सालभर का प्रॉफिट 40 करोड़ रुपए पहुंच गया। 2016 में दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कंटेंट पढ़ा जाने वाला प्लेटफॉर्म बना। 2017 में दुनिया की सबसे महंगी जगह टाइम्स स्क्वायर पर कंपनी का ऑफिस खोल दिया गया। 2018 में यह कंपनी 300 करोड़ की हो गई थी। लेकिन इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद सामने आया कि फेसबुक और कैम्ब्रिज एनालिटिक से कुछ लोगों की पर्सनल डिटेल शेयर की जा रही है। इसी के चलते फेसबुक ने 2018 में ऐसी कंपनियों को डी-प्लेटफॉर्म करना शुरू कर दिया। रातों-रात फेसबुक से सारे पेज हटा दिए गए।

ये कंपनी भी बंद हो गई। विटीफीड में उस समय 125 लोग थे। करीब 2 करोड़ रुपए सैलरी में जाते थे। अब सब बेरोजगार हो गए लेकिन सबने कहा साथ नहीं छोड़ेंगे सर आप तैयारी कीजिए कुछ और करने की। और यहीं से विनय नए आइडिया पर जुट गए और 1 नवंबर 2019 को स्टेज लॉन्च किया हुआ। छह महीने में ही इस कंपनी का भी टर्नओवर 300 करोड़ पार कर गया। सलाम है ऐसी सोच को ऐसे युवाओं को। कहानी पसंद आई हो तो शेयर कर दीजिए और ऐसी कहानियों को सुनने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिए।

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