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अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख, जानिए क्या है मामला ?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) के सामने आने के बाद से ही अडानी ग्रुप में कोहराम मचा हुआ है। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इस बीच अडानी ग्रुप की मार्केट कैप भी काफी ज्यादा गिर चुकी है। वहीं अडानी ग्रुप को जहां एक और झटका लगा है तो, वहीं मुकेश अंबानी गौतम अडानी से अभी भी आगे बने हुए हैं।

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जानकारी के मुताबिक, इस बीच दोनों के बीच दूरियां भी काफी बढ़ गई हैं। गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के बीच यह दूरी रिश्तों में नहीं बल्कि उनकी नेटवर्थ में देखने को मिल रही है। नेटवर्थ के मामले में अडानी और अंबानी एक दूसरे से कितने दूर हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा- “हम पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहते हैं। अगर हम आपके सुझावों को सीलबंद कवर से लेते हैं तो, इसका साफ मतलब होता है कि दूसरे पक्ष को पता नहीं चलेगा।” इस मामले में सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा- “हम निवेशकों की सुरक्षा के लिए पूरी पारदर्शिता चाहते हैं।

 

रिसर्च पर समीति का होगा गठन

विदित हो कि, शुक्रवार को केंद्र की ओर से सीलबंद कवर में अदालत को एक नोट दे दिया गया, जिसमें उन लोगों का नाम सुझाया गया था जो समिति का हिस्सा हो सकते हैं। इस सिलसिले में CJI, जस्टिस एस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने संकेत दिया है कि, वह इस पर रिसर्च करेंगे और फिर समिति का गठन करेंगे।

 

आपको बता दें कि, गौतम अडानी-हिंडनबर्ग के मामले में कोर्ट सख्ती दिखाई है। आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने कड़े लफ्जों में जवाब दिया है, कहा है कि बेंच सील बंद लिफाफे में सजेशन नहीं माना जायेगा।

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