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स्वामी चिदानंद सरस्वती का ‘सत्य सनातन कॉनक्लेव’ में बयान, सनातन धर्म की शक्ति और महाकुंभ का महत्व

इंडिया टीवी द्वारा आयोजित ‘सत्य सनातन कॉनक्लेव’ में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती ने अपने विचार साझा किए। स्वामी चिदानंद ने महाकुंभ में सनातन धर्म की शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह आयोजन पूरी दुनिया को एकजुट करने में सक्षम है। उन्होंने महाकुंभ में पहुंचे युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों के सहभागिता की सराहना की और इसे सनातन संस्कृति की प्रभावशाली प्रस्तुति बताया।

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स्वामी चिदानंद ने कहा, “सनातन की शक्ति पर ही सारी धरती टिकी हुई है। सनातन धर्म खुद के बदलाव की बात करता है, बदला लेने की नहीं।” उन्होंने महाकुंभ में विशेष रूप से युवाओं की बढ़ती भागीदारी को देखा और कहा कि यह परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है। साथ ही, उन्होंने बताया कि इस वर्ष महाकुंभ में 80 प्रतिशत अधिक युवाओं ने स्नान किया और इसका मुख्य कारण सनातन संस्कृति का प्रभाव है।

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कैटरीना कैफ और रवीना टंडन जैसी प्रमुख हस्तियों के महाकुंभ में आने और अपने अनुभव साझा करने की भी बात की। उन्होंने कहा, “कैटरीना ने मुझसे मंत्र प्राप्त किया और यह दिखाता है कि सनातन धर्म में भेदभाव नहीं होता, यहाँ हर किसी का स्थान बराबरी का है।” रवीना टंडन और उनकी बेटी के संस्कारों की भी सराहना करते हुए स्वामी जी ने यह बताया कि संस्कारों का प्रभाव जीवन को बदल सकता है, जैसे कि एक संत के स्पर्श ने उनकी जिंदगी बदल दी थी।

स्वामी चिदानंद ने महाकुंभ के दौरान निर्मला सीतारमण की साधारण साड़ी और बिना चप्पल के स्नान करने का उदाहरण देते हुए कहा कि यह एक प्रतीक है कि सनातन धर्म किसी भेदभाव को नहीं मानता और प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करता है।

स्वामी चिदानंद के इस बयान ने ‘सत्य सनातन कॉनक्लेव’ में उपस्थित श्रोताओं को सनातन धर्म की गहरी समझ और महत्व को महसूस कराया।

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