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साहित्य प्रेमियों को याद आया ”गीतों का राजकुँवर ”, महान कवि ‘गोपालदास नीरज’ की आज है जयंती !

आज गोपालदास नीरज (Gopaldas Neeraj) जी की जयंती है। गोपालदास महान व्यक्तित्व के कवि नीरज ने अपनी कलम की सहायता से साहित्य जगत में एक अलग छाप छोड़ रखी है। उनकी साहित्यिक यात्रा को अपने शब्दों में समेटना लगभग नामुमकिन है। उस दौर में जब हिंदी फिल्मों के गीत उर्दू में लिखे जा रहे थे।

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साहित्य प्रेमियों के कानों में मिश्री घोल देने का काम किया

गोपालदास नीरज ने दुनिया को दिखा दिया है कि, हिंदी फिल्म में फिल्मी गाने हिंदी में भी लिखे जा सकते हैं। वो भी चंद गिनतियों में नहीं बल्कि बड़े आकड़ों में। उनके शब्दों ने साहित्य प्रेमियों के कानों में मिश्री घोल देने का काम किया।

नीरज की आत्मा तक में कविताओं का वास था। उन्होंने न सिर्फ हिंदी भाषा में अपनी अलग छवि बनाई थी, बल्कि उन्हें उर्दू भाषा का भी ज्ञान था। फिलहाल बात शेरों शायरी की भी हो तो नीरज जी के शेर भी उतने ही संजीदा और ह्रदय को स्पर्श कर लेने वाले है जितने की उनके गीत।

 

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