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उज्जैन के महाकाल लोक को लेकर वायरल हो रहे विवादित वीडियो से संत समाज नाराज, FIR दर्ज करने की मांग।

Ujjain News: उज्जैन पिछले महीनें के आखिरी सप्ताह में महाकाल लोक में आंधी से सप्तऋषि की 7 मूर्तियों में से 6 मूर्तियां खंडित हो गई थी और नंदी द्वार का कलश टूटकर गिरा पड़ा था। 28 मई की शाम को तूफानी हवाओं के चलते महाकाल लोक में बनी सप्तऋषियों की मूर्तियां खंडित हो गई थी। इनमें से कई मूर्तियां जमीन पर गिर गईं तो कई मूर्तियों के हाथ और सिर टूट गए। रविवार होने के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक पहुंचे हुए थे। हालांकि, राहत की बात यह है कि इतने नुकसान के बाद भी किसी श्रद्धालु को चोट नहीं आई। जिसके बाद से विपक्षी दलों में सियासत गर्म हो गई है।

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अभी 7 माह पहले ही PM मोदी ने किया था लोकार्पण; ₹856 करोड़ का प्रोजेक्ट था। इससे अब महाकाल लोक में हुए गुणवत्ताहीन निर्माण की पोल खुल गई है। इसके बाद मूर्तियों के गुणवत्ता की जाँच की माँग की जा रही है। तो वही इन दिनों उज्जैन में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिनमें नारद और भगवान शिव के वार्तालाप का बताया जा रहा है जिसने शहर की राजनीति में भूचाल ला दिया है।

 

 

 

महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की प्रतिमा खंडित होने पर, कांग्रेस के पक्ष में एक वीडियो वायरल हुआ हो रहा है, जिसमें देवऋषि नारद और महादेव के संवाद के अंश एडिट किया गया है। वीडियो में नारद मुनि और महादेव के बीच हुए संवाद को दिखाया गया है। जब सप्त ऋषि की प्रतिमा गिर रही थी उस समय नारद मुनि कहते हैं कि महादेव आप की नगरी में यह क्या अनर्थ हो रहा है ? इसके जवाब में महादेव यह बोलते है कि मैं सब कुछ जानता हूं, यह किसने किया है ? इसके बाद महादेव बोलते हैं कि अब तो कमलनाथ को लाना ही होगा। इसके बाद वीडियो में कमलनाथ को भगवान महाकाल की पूजा करते हुए दिखाया गया है। पूरा वीडियो 46 सेकंड का है।

 

 

 

 

 

जैसे ही वीडियो वायरल हुआ  भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही आमने-सामने हैं। इस वीडियो से साधुओं और संतो ने काफी नाराजगी जताई है और कहा कि इस वीडियो को जो भी बनाया है उसके खिलाफ FIR दर्ज होना चाहिए। ताकि आगे कोई भी राजनीतिक दल भगवान के नाम का उपयोग किसी पार्टी वर्ग के लिए ना करे !

 

 

 

 

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित रमण त्रिवेदी के मुताबिक राजनीति में भगवान के नाम का उपयोग नहीं होना चाहिए।परमहंस अवधेश पुरी ने कहा कि, भगवान शिव और नारद मुनि की छवियों का इस तरह दुरुपयोग करना धर्म और संस्कृति के खिलाफ है। कांग्रेस को ऐसी नौटंकी कर धर्म का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। यह नहीं रुका, तो हम कोर्ट तक जाएंगे। रही बात भ्रष्टाचार की, तो इसकी जांच चल ही रही है। वहीं, महामंडलेश्वर शैलेशानंद ने कहा, राजनीति में गिरती हुई भाषा का प्रयोग हम देख रहे हैं। हमारे आराध्य देवों को भी राजनीति में खींचा जा रहा है, ये उचित नहीं है। इस प्रकार के कृत्य से दूर रहना चाहिए।

 

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