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बरेली: फर्जी एनकाउंटर मामले में रिटायर्ड दरोगा को उम्रकैद, 31 साल बाद मिला इंसाफ

यूपी के बरेली में 31 साल पुराने बहुचर्चित फर्जी एनकाउंटर मामले में अदालत ने रिटायर्ड दरोगा युधिष्ठिर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 31 साल बाद आए कोर्ट के इस फैसले पर मृतक के परिजनों ने खुशी जाहिर की है।

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बता दें कि बुधवार को अदालत ने रिटायर्ड दारोगा युधिष्ठिर सिंह को दोषी करार दिया था। शहर के साहूकारा निवासी मुकेश जौहरी उर्फ लाली का 23 जुलाई 1992 को एनकाउंटर कोतवाली इलाके में हुआ था। दरोगा युद्धिष्ठिर सिंह ने लाली को लुटेरा बताया था।

 

दरोगा ने कोतवाली में मृतक के खिलाफ वाइन शॉप लूटने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मृतक की मां चंद्रा जौहरी ने दरोगा युधिष्ठिर सिंह और तत्कालीन एसओ किला वीके उपाध्याय के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी।

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीसीआईडी ने विवेचना में दरोगा युधिष्ठिर सिंह को दोषी मानते हुए कोतवाली में उनके खिलाफ 20 नवंबर 1997 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में मुकेश जौहरी के परिवार ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। 31 साल बाद उन्हें इंसाफ मिला। शुक्रवार को जब दोषी रिटायर्ड दरोगा को सजा सुनाई तो अदालत में मृतक के परिजन भी मौजूद रहे। सजा होने के बाद युधिष्ठिर सिंह को जेल भेज दिया गया।

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