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ऐतिहासिक: यूपी विधानसभा में 58 साल बाद लगी अदालत, 6 पुलिसकर्मियों को मिली सजा, जानें क्या है मामला

यूपी विधानसभा में आज यानी गुरुवार को ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला। यहां विधानसभा में अदालत लगी और 6 पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने इन्हें एक दिन की सजा सुनाई। एक दिन के लिए इन सभी दोषी पुलिसकर्मियों को विधानसभा में बनी सेल के लॉकअप में ही रखा जाएगा।

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सजा पर फैसला होने के बाद मार्शल सभी पुलिसकर्मियों को सदन से लॉकअप में ले गए। बता दें कि 58 साल बाद ऐसा नजारा यूपी विधानसभा में देखने को मिला है। इससे पहले विधानसभा में 1964 में अदालत लगी थी।

 

यह है पूरा मामला

यह मामला 15 सितंबर, 2004 का है। कानपुर में उस वक्त के भाजपा विधायक सलिल विश्नोई अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बिजली कटौती की समस्या को लेकर डीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे। रास्ते में प्रयाग नारायण शिवालय के गेट पर उन्हें सीओ बाबूपुरवा अब्दुल समद के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने रोक लिया था।

 

नोकझोंक के बाद पुलिसकर्मियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ उनकी पिटाई कर दी थी और गाली-गलौज की गई थी। विश्नोई ने इसे विधायक के विशेषाधिकार की अवहेलना करार देते हुए अक्टूबर 2004 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। मामला विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सुपुर्द कर दिया गया था।

27 जुलाई, 2005 को विशेषाधिकार समिति ने इसे विशेषाधिकार की अवहेलना और सदन की अवमानना करार देते हुए तत्कालीन सीओ अब्दुल समद को कारावास की सजा दिए जाने की संस्तुति की थी। साथ ही घटना में उनके साथ मौजूद तत्कालीन थानाध्यक्ष किदवई नगर ऋषि कांत शुक्ला, दरोगा त्रिलोकी सिंह, सिपाही छोटे लाल, विनोद मिश्र और मेहरबान सिंह को सदन में बुला कर चेतावनी देने की भी संस्तुति की थी। हालांकि, कुछ वजहों से इसे सदन में नहीं रखा जा सका था।

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