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इस बार पड़ेगी कड़ाके की ठंड, लंबा चलने वाला है सर्दी का सीजन, जानिए क्या है वजह

इस बार सर्दी बेतहाशा पड़ेगी। पिछले सभी सालों का रिकॉर्ड इस बार टूट जाएगा। इस बार सर्दी का मौसम भी लंबा रहने वाला है। इसका मतलब है कि कहीं न कहीं मार्च के अंत तक सर्दी पड़ती रहेगी। सर्दी का सितम इस बार लोगों को ज्यादा ही परेशान करने वाला है। ऐसा क्यों है चलिए बता देते हैं।

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मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक जिस तरीके से ला नीनो ने अपनी उपस्थिति के 90 दिनों के बाद सक्रियता दिखानी शुरू की है उससे ऐसे ही हालात बन रहे हैं। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि इस बार मानसून की विदाई अपने वक्त से तकरीबन दो सप्ताह बाद हो सकती है। इसी के साथ सर्दी की आहट भी बीते कुछ वर्षों की तुलना में पहले आने का पूरा अनुमान है। फिलहाल मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की माने तो जाते हुए मानसून की अभी भी सक्रियता बनी हुई है। यह सक्रियता सितंबर के अंत तक चलने वाली है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार ला नीनो की सक्रियता का असर न सिर्फ मानसून पर पड़ रहा है बल्कि इसके बाद आने वाली सर्दी के सीजन पर भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय में एनवायरमेंटल साइंस के प्रवक्ता डॉ एके सिंह कहते हैं कि एल नीनो के असर के बाद ला नीनो की सक्रियता में तकरीबन साठ से 90 दिन का वक्त लगता है। उनका कहना है कि यह 90 दिन का वक्त जुलाई के अंत से अगस्तकी शुरुआत में पूरा हो चुका है। यही वजह है कि मानसून की विदाई के कुछ वक्त पहले से इसकी सक्रियता बढ़ गई है। बीते एक सप्ताह से उत्तर भारत समेत मध्य भारत और पश्चिमी उत्तर भारत के हिस्सों में जिस तरीके से बारिश हो रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानसून की सक्रियता कितनी ज्यादा है। वह कहते हैं कि अनुमान यही लगाया जा रहा है कि ला नीनो की सक्रियता के चलते इस बार सर्दी की आमद भी पहले हो जाएगी और उसका स्पेल भी लंबा होगा।

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