Hindi English Marathi Gujarati Punjabi Urdu
Hindi English Marathi Gujarati Punjabi Urdu

हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन कौन हैं, जिनकी एक रिपोर्ट ने अडानी को किया धाराशायी, 1.6 लाख करोड़ डूबे

एशिया के सबसे अमीर आदमी गौतम अडानी (Gautam Adani) के शेयर लगातार धड़ाम हो रहे हैं। एक झटके में ही उन्हें करीब 1.6 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। उन पर ‘कारपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी’ का आरोप लगा है। और यह सब हुआ है हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की एक रिपोर्ट। इस रिपोर्ट के आने के बाद भारतीय बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। अडानी ग्रुप के शेयरों में लगाता गिरावट जारी है। इस बीच सोशल मीडिया पर सबसे अधिक चर्चा हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन की होने लगी है। हर कोई उनके बारे में जानने को उत्सुक है। तो चलिए इस आर्टिकल में हम आपको उनके बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

- Advertisement -

 

साल 2017 में नाथन एंडरसन (Nathan Anderson) ने हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना की थी। हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है। यह फर्म इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है। अपनी वेबसाइट पर हिंडनबर्ग ने बताया है कि उनका काम मानव निर्मित आपदाओं और वित्तीय गड़बड़ियों की पड़ताल करना है।

 

फर्म का नाम ‘हिंडनबर्ग एयरशिप’ के हाई प्रोफाइल दुर्घटना पर रखा गया है। दरअसल, हिंडनबर्ग एक जर्मन एयरशिप था। 1937 में हिंडनबर्ग एयरशिप में आग लगने से 35 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे को टाला जा सकता था, लेकिन होने दिया गया।

 

इजराइल में एम्बुलेंस चलाया करते थे एंडरसन

जहां तक बात नाथन एंडरसन की है तो उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट (University of Connecticut) से इंटरनेशनल बिजनेस में ग्रेजुशन किया है। एंडरसन ने अपनी करियर की शुरुआत एक डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक से की थी। वह फाइनेंस डिपार्टमेंट में थे। एक बार एक इंटरव्यू में एंडरसन ने यह भी बताया था कि वह बहुत पहले इजराइल में एम्बुलेंस चलाया करते थे।

 

आरोपों पर अडानी समूह ने क्या कहा

अडानी समूह ने आरोपों पर कहा है, ” यह रिपोर्ट दुर्भावना से ग्रस्त है और जो तथ्य बताए जा रहे हैं, वे निराधार हैं। इस रिपोर्ट से, अडानी समूह, उसके शेयर धारक, निवेशकों में भ्रम फैला और इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ा। हिंडनबर्ग रिसर्च ग्रुप खुद ही भ्रम फैला कर लाभ लेना चाहता है। हम इस तरह के दुर्भावना से प्रेरित खुलासे से आहत हैं। यह एक विदेशी एजेंसी द्वारा, समूह के निवेशकों, शेयर धारकों को बरगलाने और अडानी समूह की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने, अडानी समूह के FPO (follow on Public Offering) को बेपटरी करने की साजिश है। हम भारतीय और अमेरिकी कानून में उन प्राविधानों के प्रति मशविरा कर रहें ताकि इस पर हमारे समूह द्वारा कानूनी कार्यवाही की जा सके।”

 

हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को दिया ये जवाब

हिंडनबर्ग ने जवाब देते हुए कहा,”रिपोर्ट प्रकाशित होने के 36 घंटे बाद तक अडानी समूह ने हमारे द्वारा रखे गए तथ्यों के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। रिपोर्ट के अंत में हमारे द्वारा सीधे तौर पर पूछे गए, 88 सवालों के जवाब भी, जो पारदर्शिता के संबंध में थे, नहीं दिए गए। बजाय इसके, जैसा कि, हमने उम्मीद की थी, अडानी विफर गए और हमें धमकियां देने लगे। दो साल की मेहनत, और 720 संदर्भों से, 32000 शब्दों और 106 पृष्ठों में तैयार की गई इस रिसर्च रिपोर्ट को, उन्होंने “unresearched” कह दिया और यह भी कहा कि, वे हमारे खिलाफ दंडात्मक कानूनी कार्यवाही करने के लिए, भारत और अमेरिका में कानूनी सलाह ले रहे हैं।’

 

‘हमारे पास सभी दस्तावेज’

हिंडनबर्ग ने आगे कहा, ”कम्पनी द्वारा, कानूनी कार्यवाही करने की, दी जा रही धमकी के संबंध में, हमारा यह कहना है कि, हम किसी भी कानूनी कार्यवाही का स्वागत करेंगे और, अपनी रिपोर्ट में दिए गए तथ्यों और निष्कर्षों के साथ है और यह उम्मीद करते हैं कि, कोई भी कानूनी कार्यवाही मेरिट के आधार पर होगी। यदि अडानी सच में (कानूनी कार्यवाही के लिए) गंभीर हैं तो हम, जहां से हम काम करते हैं, उन्हे वहां पर मुकदमा दर्ज कराना चाहिए। हमारे पास दस्तावेजों की लंबी सूची है, और हम इस संदर्भ में कानूनी कार्यवाही की मांग करेंगे।”

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

The specified carousel is trashed.

इसे भी पढे ----

वोट जरूर करें

क्या आपको लगता है कि बॉलीवुड ड्रग्स केस में और भी कई बड़े सितारों के नाम सामने आएंगे?

View Results

Loading ... Loading ...

आज का राशिफल देखें