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भूलकर भी इस मंदिर में न जाएं महिलाएं, वरना 7 जन्म तक रहेंगी विधवा..!!

अभी तक आपने मंदिर में दर्शन की कहानियां तो सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको मंदिर से जुड़ी एक हुई विचलित कहानी के बारे में बताने जा रहें हैं। जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। जी हां हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एक ऐसा भी मंदिर है कुरुक्षेत्र (Kurukshetra), जो एक महान धार्मिक और ऐतिहासिक स्थान के रूप में देखा जाता है।अपने इतिहास के लिए कुरुक्षेत्र विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां की पावन धरती पर महाभारत की लड़ाई लड़ी गई थी। बता दें कि, भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। लेकिन यहां और भी कई खास रहस्य छिपे हैं। जो काफी चौंकाने वाले हैं।

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इस धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के पिहोवा में स्थित सरस्वती तीर्थ पर एक ऐसा मंदिर भी है, जहां सदियों से महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। यहां तक भी कहा जाता है कि, इस मंदिर के दर्शन करने वाली महिलाएं सात जन्मों तक विधवा हो जाती हैं।

महिला सात जन्मों तक रहती है विधवा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कुरुक्षेत्र से महज 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित पिहोवा के सरस्वती तीर्थ स्थित भगवान महादेव के पुत्र कार्तिकेय जी का मंदिर है। माना जाता है कि, यहां महिलाएं कार्तिकेय महाराज की पिंडी के दर्शन नहीं कर सकती हैं। अगर कोई भी महिला गर्भ गृह के दर्शन करने जाती है तो, वह महिला सात जन्मों तक विधवा रहती है। बकायदा मंदिर में बकायदा बोर्ड लगाया गया जिस पर इस बात का उल्लेख किया गया है।

इस कहानी के पीछे रहस्य के मामले में मंदिर के महंत का कहना है कि, जब कार्तिकेय ने मां पार्वती से क्रोधित हो अपने शरीर का मांस और रक्त आग को समर्पित कर दिया था। तब भगवान शिव ने कार्तिकेय को पिहोवा तीर्थ पर जाने का आदेश दिया था। तब कार्तिक के गर्म शरीर को शीतलता देने के लिए ऋषि मुनियों ने सरसों का तेल उन पर चढ़ाया। शांत होने के बाद कार्तिकेय इसी स्थान पर पिंडी रूप में विराजित हो गए. तब से आज तक कार्तिक महाराज की पिंडी पर सरसों का तेल चढ़ाने की भी परंपरा चली आ रही है।

मंदिर के परिसर में महिलाओं के लिए दीवार पर हिदायत लिखी गई है कि, वह गर्भ गृह के भीतर ना झांके। इसी के चलते मंदिर में लाइट की जगह केवल ज्योत ही जलाई जाती है। इतना ही नहीं, मंदिर में प्रवेश करने पर महंत भी महिला के विधवा होने तक का उदाहरण देने लगते हैं।

मंदिर के परिसर में महिलाओं के लिए दीवार पर हिदायत लिखी गई है कि, वह गर्भ गृह के भीतर ना झांके। इसी के चलते मंदिर में लाइट की जगह केवल ज्योत ही जलाई जाती है। इतना ही नहीं, मंदिर में प्रवेश करने पर महंत भी महिला के विधवा होने तक का उदाहरण देने लगते हैं।

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