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ऑनलाइन खेल, बच्चों को पहुंचाएगा जेल! इन लक्षणों को ना करें नज़रअंदाज़

लखनऊ

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आज के आधुनिक युग में स्मार्टफोन या टैबलेट हर घर में होना बड़ी छोटी सी बात है। हर वर्ग का इंसान आज इन सभी उपकरणों का प्रयोग करना बखूबी जानता है। बिना मोबाइल के एक दिन भी रह पाना मानों बहुत ही मुश्किल कार्य है। आजकल बच्चों में भी मोबाइल का प्रयोग और उसमें होने वाले खेल व गेम्स का खेलना बड़ी आम सी बात हो गयी है। पर तब क्या हो जब यही खेल, बच्चों को पहुंचा सकती हो जेल।

फोटो : इंटरनेट

राजधानी की वारदातें

वारदात 1 : डालीबाग निवासी अनिरुद्ध बताते हैं कि उनका भतीजा ऑनलाइन क्लास की आड़ में बैटल ग्राउंड मोबाइल इंडिया (Battle Ground Mobile India BGMI) खेलता रहता है। जब भी उससे फोन ले लिया जाता है तो वह अभद्र भाषा व व्यवहार करने लगता है। करीब छह महीनों में उनके खाते से छह हजार रुपये पार हो गए। इस पर जब उन्होंने बैंक में जाकर जानकारी ली तब उन्हें अवगत हुआ कि बीजीएमआइ गेम में आधुनिक हथियार खरीदने के कारण उनके खाते से रुपये कटे हैं।

फोटो : इंटरनेट

वारदात 2 : चौक निवासी 16 वर्षीय किशोर में फ्रीफायर (FreeFire) गेम खेलने की लत थी। गेम के प्रतिद्वंद्वी ने डायमंड खरीदने के लिए पांच हजार रुपये का भुगतान करने का दबाव बनाया। किशोर ने अपनी बहन के खाते से चार सौ रुपये और पास के दुकानदार से छह सौ रुपये लेकर प्रतिद्वंद्वी के खाते में डाले। इसके बाद प्रतिद्वंद्वी अक्सर पैसे भेजने का दबाव बनाता, जिससे किशोर डरा-सहमा रहने लगा।

भविष्य के लिए नहीं हितकारी

ये मामले तो बस शुरुआत है, अगर हम अभी सतर्क नहीं हुए तो यह इससे भी बड़ा और खतरनाक रूप ले सकती है, जो हमारे बच्चों और उनके आने वाले भविष्य के लिए बिल्कुल भी हितकारी नहीं है। ऐसे कई मामले और भी हैं, जिनमें बच्चों ने गेम का स्टेज पार करने के लिए या अत्याधुनिक हथियार व डायमंड खरीदने के लिए अपने माता-पिता व परिवारजन के खातों से हजारों व लाखों रुपए चपत कर दिए। कई अन्य ऐसी भी घटनाएं हुई है जहाँ पर बच्चों ने आत्महत्या जैसे बड़े कदम भी उठाए हैं।

फोटो : इंटरनेट

मनोचिकित्सकों की राय

मनोचिकित्सक बताते हैं कि लॉकडाउन के पहले गेम का बच्चों पर इतना दुष्प्रभाव नहीं था, क्योंकि अधिकतर बच्चों के पास स्मार्ट फोन या टैबलेट नहीं थे। वहीं, अब ऑनलाइन  क्लास के चलते स्मार्ट फोन व इंटरनेट बच्चों को बहुत ही आसानी के साथ मिल रहा है। बीजीएमआइ और फ्रीफायर खेलने वाले बच्चों की संख्या में लॉकडाउन के बाद 15% इजाफा हुआ है। ये गेम खेलने की लत बच्चों में लग रही है। बीजीएमआइ व फ्री फायर गेम खेलने वाले बच्चों का मन धीरे-धीरे अन्य गतिविधियों की ओर कटता चला जाता है। फोन लेने पर बच्चे अभद्रता करने लगते हैं।

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