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कब है दिवाली, अभी भी तारीखों को लेकर है कंफ्यूजन, यहां जानें पंडितों की राय

दिवाली का त्योहार यूं तो इस महीने के अंत में आने वाला है लेकिन हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होने के कारण अभी से लोग इसकी तारीखों के बारे में जानकारी जुटाने में लगे हैं। इस बीच कई तारीखों के सामने आने के कारण लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। हर कोई बस यही सवाल कर रहा है कि आखिर कब है दिवाली। अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो इस आर्टिकल में आपको जवाब मिल जाएगा।

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दरअसल, अलग-अलग जगह के विद्वानों की दीपोत्सव को लेकर अलग अलग राय है। जैसे काशी के विद्वानों का मत है कि 31 अक्टूबर को ही पूरे देश में दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। उधर, इंदौर के विद्वानों का मत अलग है। उनका कहना है कि 1 अक्टूबर को दिवाली के लिए शुभ तारीख है। विद्वानों के अलग-अलग मत से ही इस त्योहार की तारीख को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है।

यह है काशी के विद्वानों का मत

काशी विद्वानों का कहना है कि 31 अक्टूबर को शाम 3.52 बजे अमावस्या शुरू होगी। यह एक नवंबर की शाम को 5.13 बजे तक रहेगी। इसके बाद प्रतिपदा लग रही है और प्रतिपदा में कभी भी दिवाली पूजन का विधान नहीं रहता है। 31 अक्टूबर को रात्रिव्यापिनी अमावस्या के कारण दीपोत्सव और कालीपूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इनके मुताबिक विद्वानों का कहना है कि काशी के सभी पंचांगों के मुताबिक पूरे देश में 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी।

 

यह है इंदौर के विद्वानों का मत

इंदौर के विद्वानों का अलग ही मत है। इनका कहना है कि जब भी किसी त्योहार के लिए दो दिन मनाने की बात आती है तो दूसरे दिन को ही योग्य मानना चाहिए। इनका यह भी कहना है कि अमावस्या पितरों की तिथि होती है। पितरों के पूजन के बाद शाम में लक्ष्मी पूजन हो तो ठीक है, लेकिन लक्ष्मी पूजन के बाद पितरों का पूजन कभी भी सही नहीं होता है।

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